नई दिल्ली: राजधानी में एमसीडी चुनाव के बीच पार्टियों का एक दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है. इस बीच सोमवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली जल बोर्ड के 20 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह घोटाला 20 करोड़ रुपये का नहीं बल्कि 200 करोड़ रुपये तक का हो सकता है. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल से मामले को संज्ञान में लेते हुए अरविंद केजरीवाल पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग (FIR should be registered against Arvind Kejriwal) की.
उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड में साल 2015-16 से लेकर आज तक न ही बैलेंस शीट बनाई गई है न ही ऑडिट रिपोर्ट सबमिट की गई है. साथ ही कैग द्वारा 22 पत्र लिखे जाने के बावजूद इस पूरे मामले को लेकर कोई जवाब नहीं दिया गया है. इससे स्पष्ट होता है कि दिल्ली जल बोर्ड में बड़े स्तर पर घोटाला हुआ है. उन्होंने कहा कि आज दिल्ली जल बोर्ड 57 हजार करोड़ रुपये के घाटे में है, लेकिन जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली की सत्ता आए थे उस समय जल बोर्ड 700 करोड़ रुपये के मुनाफे में था.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने कॉर्पोरेशन बैंक के साथ करार किया गया था कि जल बोर्ड के बिल कलेक्शन पर प्रति बिल कॉर्पोरेशन बैंक को 5 रुपये मिलेंगे. लेकिन इसमें भी बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ और जो राशि बैंक को भुगतान के बाद मिली उसे अज्ञात खातों में जमा करा दिया गया. अरविंद केजरीवाल को इस बात की जानकारी 2018 में ही हो गई थी. लेकिन इस मामले कार्रवाई करने के बजाए मुख्यमंत्री ने कॉरपोरेशन बैंक के साथ करार को 2 साल के लिए आगे बढ़ा दिया. यह स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि पूरे भ्रष्टाचार में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं.
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रामवीर सिंह बिधूड़ी ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा कि दिल्ली जल बोर्ड में हुए 20 करोड़ रुपये के घोटाले के सामने आने के बाद इस पर दिल्ली सरकार की चुप्पी दिखाती है कि इस पूरे घोटाले को आम आदमी पार्टी शामिल थी. और तो और इसे खुद मुख्यमंत्री का संरक्षण प्राप्त था. इस घोटाले के लिए पूर्ण रूप से मुख्यमंत्री दोषी हैं और उनके खिलाफ इस पूरे घोटाले को लेकर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि हैरान करने वाली बात है कि घोटाला पकड़े जाने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. उल्टा अरविंद केजरीवाल 2019 में निजी कंपनी को दिए जाने वाले कमीशन को भी और बढ़ा दिया. जबकि उन्हें पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी.
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